दिल जलाये रक्खा था....
दिल जलाये रक्खा था,
तेरी रौशने रातों की खातिर,
शम्मं हर रात जली,
सिर्फ़ तेरे खातिर...
सैकड़ों गुज़रे गलीसे,
बंद पाये दरवाज़े,
या झरोखे,दिले बज़्म के,
सिवा उनके लिए,
वो जो मशहूर हुए,
वादा फरोशी के लिए...
२) चले आएँगे तेरे पास!
चले आएँगे तेरे पास,
जब तू ठहर जाएगा...
अपनी रफ़्तार कम है,
ऐसे तो तू बिछड़ जाएगा...
पास आनेके सौ बहाने करने वाले ,
दूर जानेकी एक वजह तो बता देता...
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8 comments:
दूर जानेकी एक वजह तो बता देता..
यही तो अफ़सोस है ...बहुत अच्छा लिखा आपने
umda hai.
bahut hi khubsurat ahsaas hai....mubark
पास आनेके सौ बहाने करवाले,
दूर जानेकी एक वजह तो बता देता...
बहुत खूब --- ज़ायज सवाल
दिल के सुन्दर अहसास !
dil ki gahraaiyon se nikli hui baat..
वाह !
बहुत ख़ूब !
थोड़े से शब्द ,बड़ी से बात ,सुंदर अति सुंदर
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