Sunday, November 15, 2009

तन्हाई का सच! "कविता" पर!

कल रात सवा ग्यारह बजे,
मैं अचानक तन्हा हो गया!

एक दम तन्हा!  


ऐसा नहीं के इस से पहले,
मुझे कभी मेरी तन्हाई का अहसास नहीं था!


पर कल रात मैने एक गलती की!


अपने Mobile की phone book को  browse  करने लगा!
दिल में आया कि देखूं कौन कौन वो लोग हैं,

जिन्हें गर अभी  call  करूं तो,
बिन अलसाये,बिन गरियाये(दिल में)
मेरी call लेगें (और खुश होगें!)

सच कह्ता हूं!
मैने इस से ज्यादा तन्हाई कभी मह्सूस नहीं की!

क्यों के एक भी Contact  ऐसा नहीं था जिसे,
मैं बेधडक call कर सकूं,


एक Thursday evening को!
(कल एक  working day है!)


सिर्फ़ ये कहने के लिये!


बहुत दिन हुये ’तुम से बात नहीं हुई’

और वो खुश हो के कहे,




"अच्छा लगा के तुमने याद किया!"
(झूंठ ही सही!!!!)


"सच में" कितना तन्हा हूं मैं!


और आप?  








9 comments:

Anonymous said...

बहुत खूब।

Anonymous said...

खूबसूरत है।

रश्मि प्रभा... said...

हम्म ....... अगर आपको कोई उनमें से बेधड़क फ़ोन कर सके तो समझिये आप किसी के काम आ सकते हैं और आप तनहा नहीं

मनोज कुमार said...

अच्छा लगा के तुमने याद किया!"
(झूंठ ही सही!!!!)
"सच में"
कितना तन्हा हूं मैं!
और आप?
मैं जानता हूं कि ये ख़्वाब झूठे हैं, और ये ख़ुशियां भी अधूरी हैं,
मगर ज़िन्दा रहने के लिए मेरे दोस्त, कुछ ग़लतफ़हमियां भी ज़रूरी हैं।

shama said...

Leoji,
Is anubhav se harek guzra hoga...mujhe khud pata hai,ki, meree maa ke alawa aur koyi nahee,koyi nahi...

shama said...

Rashmi ji ne sahi kaha...unka comment padh bada itminaan mila!

vandana gupta said...

aapne bhavon ko achcha sanjoya hai magar ummeed par hi to duniya kayam hai jo apna hoga khud pukar lega.

ρяєєтii said...

mera aksh nazar aaya... hame bhi yahi khayaal aate they....ha they, coz ab tanhaaiyo se dosti kar li hai...aur jaise Rashmi Maa ne aur Shama aunty ne kaha harek is anubhav se gujra honga aur sahi dost ya saadi ya rishta wahi jaha formalities na ho...!

'sammu' said...

कभी तन्हाईयों में भी
हमारी याद आयेगी ..............