बेबुनियाद शक पैरों तले जमीन तो खिसकाएगा ही ...कदम उठाने से पहले भी ..बाद भी ...!!
umda.
शक का कोई इलाज़ नही ........ पैरों तले ज़मीन निकाल देता है .... खूबसूरत लफ्ज़ .......
chand panktiyon mein hi bahut gahri baat kah di.......bahut sundar.
कभी शक बेबुनियाद निकलेकभी देखी शकीली बुनियादेऐसी ज़मीं कहॉ ,जो खिसकी नही पैरोतले !कभी खिसकी दसवें कदम पेतो कभी कदम उठाने से पहले .... कविता बहुत अच्छी है। यह फार्म जिस में आपने भावों का पिरोया हे वह मैंने पहली बार देखा है। वाह..
wahwa...
बहुत खूब।सुंदर पंक्तियाँ।
LAJWAAB RACHNAसंजय कुमार हरियाणा http://sanjaybhaskar.blogspot.com
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8 comments:
बेबुनियाद शक पैरों तले जमीन तो खिसकाएगा ही ...कदम उठाने से पहले भी ..बाद भी ...!!
umda.
शक का कोई इलाज़ नही ........ पैरों तले ज़मीन निकाल देता है .... खूबसूरत लफ्ज़ .......
chand panktiyon mein hi bahut gahri baat kah di.......bahut sundar.
कभी शक बेबुनियाद निकले
कभी देखी शकीली बुनियादे
ऐसी ज़मीं कहॉ ,
जो खिसकी नही पैरोतले !
कभी खिसकी दसवें कदम पे
तो कभी कदम उठाने से पहले ....
कविता बहुत अच्छी है। यह फार्म जिस में आपने भावों का पिरोया हे वह मैंने पहली बार देखा है। वाह..
wahwa...
बहुत खूब।
सुंदर पंक्तियाँ।
LAJWAAB RACHNA
संजय कुमार
हरियाणा
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