Sunday, March 8, 2009

ना ख़ुदा ने सताया.....

ना खुदाने सताया...

ना खुदाने सताया
ना मौतने रुलाया
रुलाया तो ज़िन्दगीने
माराभी उसीने
ना शिकवा खुदासे
ना गिला मौतसे
थोडासा रेहेम माँगा
तो वो जिन्दगीसे
वही ज़िद करती है,
जीनेपे अमादाभी
वही करती है...
मौत तो राहत है,
वो पलके चूमके
गेहेरी नींद सुलाती है
ये तो ज़िंदगी है,
जो नींदे चुराती है
पर शिकायतसे भी
डरती हूँ उसकी,
गर कहीँ सुनले,
पलटके एक ऐसा
तमाचा जड़ दे
ना जीनेके काबिल रखे
ना मरनेकी इजाज़त दे....
शमा

2 comments:

Anonymous said...

ना शिकवा खुदासे
ना गिला मौतसे
थोडासा रेहेम माँगा
तो वो जिन्दगीसे.......
mindbloing lines....

'sammu' said...

too to karta hai gila zindgee kee mehfil se ,
dekh to le bhee ki aakhir ye zindgee kya hai .

mang mat raham use jee , hai vo jeene ke liye .
poonch ke dekh kee aye zindgee maqsad kya hai .

uskee jholee me hai sab kuch jo chahiye tujhko
tod kar pale sabhee zindgee ke rishton ko '

zindgee degee tujhe jo bhee haunsale hon tere '
chod mat ab na suna jang lage rishton ko .