आंखों की सच्ची परिभाषा
वाह कमाल की अभिवयक्ति! बहुत ही सुन्दर मज़ा आया पढकर,वाह!
आँखें बहुत बोलती है ...!
इसीलिए तो आंखों को दिल का आईना भी कहते हैं.
बहुत अच्छी लगी.
जुबा बेशक कसमें खा लेसच मगर बयाँ कर जाती हैं आँखे बेहतरीन रचना
aankhe bejubani me bhi bahut kuch kah jati h jo juban nhi kah pati!nice post!
आँखें सच ही बहुत कुछ कह जाती हैं ....सुन्दर प्रस्तुति
थोड़े शब्दों में ही बहुत कुछ कह दिया.
शमा जी,आपने यह तो ठीक ही कहा कि एक छोटी सी नज्म जो आँख के बराबर हो तो पूरी जिन्दगी कैसे गुजरेगी कहा नही जा सकता।मुझे इसी बात पे फिल्म आँखें का मशहूर गीत याद आ रहा है " लब कुछ भी कहे उससे हकीकत नही खुलती, इंसान के सचझूठ की पहचान हैं आँखें"सादर,मुकेश कुमार तिवारी
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12 comments:
आंखों की सच्ची परिभाषा
वाह कमाल की अभिवयक्ति! बहुत ही सुन्दर मज़ा आया पढकर,वाह!
आँखें बहुत बोलती है ...!
इसीलिए तो आंखों को दिल का आईना भी कहते हैं.
बहुत अच्छी लगी.
जुबा बेशक कसमें खा ले
सच मगर बयाँ कर जाती हैं आँखे
बेहतरीन रचना
aankhe bejubani me bhi bahut kuch kah jati h jo juban nhi kah pati!
nice post!
aankhe bejubani me bhi bahut kuch kah jati h jo juban nhi kah pati!
nice post!
aankhe bejubani me bhi bahut kuch kah jati h jo juban nhi kah pati!
nice post!
आँखें सच ही बहुत कुछ कह जाती हैं ....सुन्दर प्रस्तुति
थोड़े शब्दों में ही बहुत कुछ कह दिया.
शमा जी,
आपने यह तो ठीक ही कहा कि एक छोटी सी नज्म जो आँख के बराबर हो तो पूरी जिन्दगी कैसे गुजरेगी कहा नही जा सकता।
मुझे इसी बात पे फिल्म आँखें का मशहूर गीत याद आ रहा है " लब कुछ भी कहे उससे हकीकत नही खुलती, इंसान के सचझूठ की पहचान हैं आँखें"
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
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