Saturday, April 25, 2009
3 comments:
- 'sammu' said...
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achcha chunav hai aapka shamajee !
- April 25, 2009 at 6:39 PM
- Yogesh Verma Swapn said...
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achchi rachna hai gafil ji ki.
- April 25, 2009 at 7:05 PM
- mark rai said...
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खोल लो दिल के दरवाजे ,हवाओं को गुजरने दो
अंदेशे तो सदा होंगे ,उन्हें भी वार करने दो................
yah unka fundamental right hai , ham nahi chhin sakte. - April 27, 2009 at 12:13 AM
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चाहना हक नहीं उल्फत ,मुहब्बत तो है मिट जाना
बाँटना मुस्कुराहट ही ,फकत चाहत का पैमाना
जमाने के लिए रोता , जमाने लिए हंसता
मजहब जिसका मुहब्बत है जमाने के लिए मरता
उम्मीदें जिसने पालीं हैं ,वही गमगीन होता है
जिसे तुम आजमाओगे, वही टूटेगा पैमाना
खोल लो दिल के दरवाजे ,हवाओं को गुजरने दो
अंदेशे तो सदा होंगे ,उन्हें भी वार करने दो
सच्चाई जान लेने दो , गुरुर ऐ बद गुमानी को,
वो चाहत ख्वाब है याफ़िर दिलेवहशत का अफसाना