Saturday, January 30, 2010

मुगाल्ते

शमा जी  का अनुरोध सिर आंखों पर 
मुगाल्ते"
' कविता' पर भी 
प्रस्तुत है!

मै नहीं मेरा अक्स होगा,
जिस्म नही कोई शक्स होगा.

ख्वाहिशें बेकार की है,
पानी पे उभरा अक्स होगा.

ज़िन्दगी अब और क्या हो,
आंखों में तेरा नक्श होगा.

गल्तियां मेरी हज़ारों,
तू ही खता बख्श होगा.


18 comments:

Anonymous said...

मै नहीं मेरा अक्स होगा,
जिस्म नही कोई शक्स होगा.

ख्वाहिशें बेकार की है,
पानी पे उभरा अक्स होगा.

ज़िन्दगी अब और क्या हो,
आंखों में तेरा नक्श होगा.

गल्तियां मेरी हज़ारों,
तू ही खता बख्श होगा.
वाह - वाह एक से बढ़िया एक - लाजवाब

संजय भास्‍कर said...

behtreen aur lajwaab rachnaa...

vandana gupta said...

waah..........bahut hi sundar.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूब..अच्छी पेशकश

Yogesh Verma Swapn said...

behatareen, gagar men sagar. sabh ek se badhkar ek khubsurat.

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

शमा साहिबा आदाब
......ख्वाहिशें बेकार की है,
पानी पे उभरा अक्स होगा.
शुक्रिया आपका ये कलाम पढवाने के लिये

अनामिका की सदायें ...... said...

bahut acchhi aur gehri rachna.
badhayi.

वाणी गीत said...

गलतियाँ हजार की है मैंने ....तू ही खता बक्श होगा ...
उस खुदा के सिवा किसके आगे करे कोई अपनी खता स्वीकार ...और उसके सिवा खता माफ़ भी कौन करे ...!!

शारदा अरोरा said...

शमा जी , मुगालते पंजाबी का शब्द है , सचमुच पानी पर बनते बिगड़ते अक्स भ्रम ही तो हैं |बढ़िया |

वन्दना अवस्थी दुबे said...

गल्तियां मेरी हज़ारों,
तू ही खता बख्श होगा.
बहुत सुन्दर.

रचना दीक्षित said...

बेमिसाल,लाजवाब बस और क्या लिखूं

दिगम्बर नासवा said...

khoobsoorat .....

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

आप सबका तहे दिल से शुक्रिया!मामूली लफ़्ज़ों को कलाम बना दिया आप सब की तारीफ़ ने!

संजय भास्‍कर said...

दिल से शुक्रिया

nagarjuna said...

Waah...Waah....behtareen.

Neeraj Kumar said...

अतिसुन्दर...अत्यंत सूक्ष्म और प्रभावित करने वाली रचना...

ज्योति सिंह said...

मै नहीं मेरा अक्स होगा,
जिस्म नही कोई शक्स होगा.


ख्वाहिशें बेकार की है,
पानी पे उभरा अक्स होगा.


ज़िन्दगी अब और क्या हो,
आंखों में तेरा नक्श होगा.


गल्तियां मेरी हज़ारों,
तू ही खता बख्श होगा.
jawab nahi in baton ka ,bahut khoob

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

आप सब का शुक्रगुज़ार हूं,रचना को पसंद किया.