Sunday, February 21, 2010

पेहचाना मुझे?

किसीके लिए हक़ीक़त नही,
तो ना सही!
हूँ मेरे माज़ीकी परछाई,
चलो, वैसाही सही!
जब ज़मानेने मुझे
क़ैद करना चाहा,
मै बन गयी एक साया,
पहचान मुकम्मल मेरी
कोई नही तो ना सही!
किसीके लिए...

रंग मेरे कई,
रूप बदले कई,
किसीकी हूँ सहेली,
तो किसीके लिए पहेली,
मुट्ठी मे बंद करले,
मै वो खुशबू नही,
किसीके लिए...

जिस राह्पे हूँ निकली,
वो निरामय हो मेरी,
तमन्ना है बस इतनीही,
गर हो हासिल मुझे,
बस उतनीही ज़िंदगी...
किसीके लिए...

जलाऊँ अपने हाथोंसे ,
एक शमा झिलमिलाती,
झिलमिलाये जिससे सिर्फ़,
एक आँगन, एकही ज़िंदगी,
रुके एक किरन उम्मीद्की,
कुछ देरके लियेही सही,
किसीके लिए..

12 comments:

संजय भास्‍कर said...

हर रंग को आपने बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

वन्दना अवस्थी दुबे said...

रंग मेरे कई,
रूप बदले कई,
किसीकी हूँ सहेली,
तो किसीके लिए पहेली,
मुट्ठी मे बंद करले,
मै वो खुशबू नही,
बहुत ही सुन्दर कविता. दी, हमेशा कहतीं हैं कि कविता नहीं लिखती और फिर सुन्दर सी कविता पोस्ट कर देतीं हैं.:)

Yogesh Verma Swapn said...

sunder bhavnatmak abhivyakti.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

जलाऊँ अपने हाथोंसे ,
एक शमा झिलमिलाती,
झिलमिलाये जिससे सिर्फ़,
एक आँगन, एकही ज़िंदगी,
रुके एक किरन उम्मीद्की,
कुछ देरके लियेही सही,
किसीके लिए..

bahut pyaare ehsaas....khoobsurat rachna...

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

शमा साहिबा, आदाब
दिल की गहराईयों से निकले अलफ़ाज़
जो नज़्म की शक्ल में ढल गये.

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

Great,nice reading!

दिगम्बर नासवा said...

किसीके लिए हक़ीक़त नही,
तो ना सही!
हूँ मेरे माज़ीकी परछाई...

गुज़रे वक़्त की परछाई में झाँकना लाजवाब शब्द लिखें हैं ...... .

कविता रावत said...

जलाऊँ अपने हाथोंसे ,
एक शमा झिलमिलाती,
झिलमिलाये जिससे सिर्फ़,
एक आँगन, एकही ज़िंदगी,
रुके एक किरन उम्मीद्की,
कुछ देरके लियेही सही,
किसीके लिए..
bahut sundar....... umeed par duniya kaayam hai... jab tak sans tab tak aas...
Bahut badhai

ज्योति सिंह said...

रंग मेरे कई,
रूप बदले कई,
किसीकी हूँ सहेली,
तो किसीके लिए पहेली,
मुट्ठी मे बंद करले,
मै वो खुशबू नही,
किसीके लिए...in panktiyon ka jawab nahi ,bahut sundar likhi hai

रचना दीक्षित said...

बहुत अच्छी प्रस्तुती एक अच्छे भाव के साथ बधाई स्वीकारें

Pushpendra Singh "Pushp" said...

बहुत खबसूरत रचना
आभार .....................

Rohit Sharma said...

totally awsum Kavita ji!!!