आँख ना इससे चुराना,मन हर वक़्त आईना!.....bahut khub.
...कुछ अलग और बेहतरीन
तोरा मन दर्पण कहलाये……………सब देखता है ये मन्…………इससे कब क्या छुप पाया है………………सुन्दर प्रस्तुति।
mann ki alag alag gati.... badhiyaa
वाह कमाल की बात कह दी आपने!मन कभी ’मन भर’ ,कभी सिर्फ़ माशा!.Sorry for delayed comment.In fact I was travelling since 22 May,(in Poona as of now till 8th),hence could not check the blog.
man aisa hi hota hai khoob pesh kiya aapne
Sahi likha hai dost........Nice piece of writing.
मानो तो मन ही रहनुमा,इसका कहा ना टालना ..मन तो वैसे भी मन मौजी है ... इसका कहा मान लेना चाहिए ....
man hi to hai..........amazing thoughts!
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10 comments:
आँख ना इससे चुराना,
मन हर वक़्त आईना!
.....bahut khub.
...कुछ अलग और बेहतरीन
तोरा मन दर्पण कहलाये……………सब देखता है ये मन्…………इससे कब क्या छुप पाया है………………सुन्दर प्रस्तुति।
mann ki alag alag gati.... badhiyaa
वाह कमाल की बात कह दी आपने!मन कभी ’मन भर’ ,कभी सिर्फ़ माशा!.
Sorry for delayed comment.In fact I was travelling since 22 May,(in Poona as of now till 8th),hence could not check the blog.
man aisa hi hota hai khoob pesh kiya aapne
Sahi likha hai dost........Nice piece of writing.
मानो तो मन ही रहनुमा,
इसका कहा ना टालना ..
मन तो वैसे भी मन मौजी है ... इसका कहा मान लेना चाहिए ....
man hi to hai..........
amazing thoughts!
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