अच्छा लिखा है लेकिन लिखना आपने भी कम कर दिया है...क्यूँ?
दर्द के हजारों बीज बोये हुए हैं,पौधे पनप रहे हैं,फसल माशाल्लाह है! बेहद गहन अभिव्यक्ति।
दर्द के हजारों बीज बोये हुए हैं,पौधे पनप रहे हैं,फसल माशाल्लाह है!.....वाह!
दर्द के बोये बीज पनप रहे है ...दर्द ही दर्द इसलिए ही तो बिखरा है हर ओर !
दर्द के हजारों बीज बोये हुए हैं,पौधे पनप रहे हैं,फसल माशाल्लाह है! ....very nice....
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5 comments:
अच्छा लिखा है लेकिन लिखना आपने भी कम कर दिया है...क्यूँ?
दर्द के हजारों बीज बोये हुए हैं,
पौधे पनप रहे हैं,फसल माशाल्लाह है!
बेहद गहन अभिव्यक्ति।
दर्द के हजारों बीज बोये हुए हैं,
पौधे पनप रहे हैं,फसल माशाल्लाह है!
.....
वाह!
दर्द के बोये बीज पनप रहे है ...
दर्द ही दर्द इसलिए ही तो बिखरा है हर ओर !
दर्द के हजारों बीज बोये हुए हैं,
पौधे पनप रहे हैं,फसल माशाल्लाह है!
....very nice....
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