tag:blogger.com,1999:blog-5841085546359509860.post8691978136823142171..comments2023-10-10T02:40:54.602-07:00Comments on Kavita: एक बगिया बनाएँ...shamahttp://www.blogger.com/profile/15550777701990954859noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5841085546359509860.post-10362243907830652722009-06-20T00:23:10.443-07:002009-06-20T00:23:10.443-07:00जब एक बूँद नूरकी,
भोलेसे चेहरे पे किसी,
धीरेसे है ...जब एक बूँद नूरकी,<br />भोलेसे चेहरे पे किसी,<br />धीरेसे है टपकती ,<br />दो पंखुडियाँ नाज़ुक-सी,<br />मुसकाती हैं होटोंकी,<br />वही तो कविता कहलाती!<br /><br />क्या परिभाषा है कविता की...Neeraj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/14312648658352009451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5841085546359509860.post-33162885778808295162009-06-19T20:44:44.298-07:002009-06-19T20:44:44.298-07:00किससे छुपाते हैं ये करतूते,
अस्तित्व जिसका चराचर म...किससे छुपाते हैं ये करतूते,<br />अस्तित्व जिसका चराचर मे,<br />वो हमारा पालनहार,<br />वो हमारा सर्जनहार,<br />कुछभी छुपता है उससे??<br />देखता हजारों आँखों से!!<br />क्या सचमे हम समझ नही पाते?<br />शमा जी वास्तविकता तो यही है कि किसी को ईश्वर पर विश्वास नहीं, कम से कम मुझे ऐसा व्यक्ति नहीं मिला जो सच के साथ जीने का साहस रखता हो. ईश्वर के नाम से तो हम केवल अपने स्वार्थों को पूरा करते हैं. हमारे व्यवहार से तो यही लगता है ईश्वर अन्धा, बहरा, रिश्वतखोर और नम्बर एक का चाप्लूस है. हां जीवन यात्रा में कहीं आपको कोई ऐसा शख्स मिले जो करता है वह कहता भी है, तो कृपया उसका नाम अवश्य बतायें.<br />www.rashtrapremi.comडा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01543979454501911329noreply@blogger.com