tag:blogger.com,1999:blog-5841085546359509860.post2911586387514830135..comments2023-10-10T02:40:54.602-07:00Comments on Kavita: ज्योत बुझही गयी......!shamahttp://www.blogger.com/profile/15550777701990954859noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5841085546359509860.post-54410628266632388292009-05-01T10:47:00.000-07:002009-05-01T10:47:00.000-07:00न आंधी से बुझी न तूफ़ान से बुझी और जब बुझी तो खुद क...न आंधी से बुझी न तूफ़ान से बुझी और जब बुझी तो खुद की आहों से बुझी /दर्दीली रचना /<br /> एक निवेदन -न कम्पोजर हूँ न संगीत की ज्ञाता /कम्पोजर वाली बात तो समझ में आती है किन्तुमंद्र सप्तक और तार सप्तक का ज्ञाता यह कहे की मै संगीत में कुछ नहीं जनता ,समझ से परे है या कहने वाले की महानता है हर कोई मंद्र ,मध्य या तार सप्तक की बात नहीं कर सकताकृपया इतना ही बता दिया होता यह किस राग पर आधारित है ,किस राग के स्वर लगेंगे /क्योंकि संगीत का ज्ञान नहीं है यह बात तो आपकी कोई नहीं मानेगाBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5841085546359509860.post-77024513802559869142009-04-29T08:18:00.000-07:002009-04-29T08:18:00.000-07:00शमा को मुश्किल भूलना जो दे सतत प्रकाश।
बचा के रखना...शमा को मुश्किल भूलना जो दे सतत प्रकाश।<br />बचा के रखना लौ सहित सपनों का आकाश।।<br /><br />और<br /><br />लौ थरथरा रही है बस तेल की कमी से।<br />उसपर हवा के झोंके है दीप को बचाना।।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5841085546359509860.post-41674205551044047782009-04-29T01:03:00.000-07:002009-04-29T01:03:00.000-07:00जैसा आप्ने इन्गित किया इस गीत मे सन्गीत बद्ध हो शस...जैसा आप्ने इन्गित किया इस गीत मे सन्गीत बद्ध हो शस्त्रिय धुन मे गाये जाने की सम्भाव्नायेन बहुत हैन . ऐसा प्रयास किया जाना चाहिये .'sammu'https://www.blogger.com/profile/14229365402897819232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5841085546359509860.post-16660340054414849642009-04-28T23:49:00.000-07:002009-04-28T23:49:00.000-07:00wah shama ji achcha geet likhti hain aap.bahut sun...wah shama ji achcha geet likhti hain aap.bahut sunder rachna.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.com